माउंट आबू की जानकारी| इतिहास | घूमने की जगह | तापमान | तस्वीरे | जाने का समय | History of Mount Abu

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माउंट आबू की जानकारी| इतिहास | घूमने की जगह | तापमान | तस्वीरे | जाने का समय | History of Mount Abu

प्रिय पाठको आज हम माउंट आबू की जानकारी के बारे जानेंगे की माउंट आबू का इतिहास क्या है | एवं यहाँ पर घूमने के पर्यटन स्थल कौन -कौन से है यहाँ का तापमान कैसा होता है | माउंट आबू अगर घूमने जाना है कौनसे समय में जाना चाहिए | आज हम माउंट आबू की जानकारी के बारे में आज हम विस्तार से अध्ययन करेंगे | ये भी पढ़े :- महाराणा प्रताप का इतिहास

माउंट आबू की जानकारी
माउंट आबू की जानकारी

माउंट आबू की जानकारी

माउंट आबू भारत के राजस्थान राज्य के सिरोही जिले में स्थित है |माउंट आबू की जानकारी को राजस्थान के सिरोही जिले का हिल स्टेशन की कहा जाता है | और यहाँ का वातावरण शांत है | यहाँ पर हमेशा हरियाली शाही रहती है इसलिए राजस्थान राज्य के सिरोही जिले में सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल है |

माउंट आबू की जानकारी
माउंट आबू की जानकारी

माउंट आबू अरावली की पहाडियों के उच्चे पहाड़ के ऊपर पठार पर है | उसके चारो और जंगल है | यहाँ की जलवायु शांत एवं ठंडी होने की वजह से पर्यटकों को काफी उत्साहित करता है |

माउंट आबू में नाकि झील की नौका विहार के लिए विश्व प्रसिद्ध है | और यहाँ पर दिलवाडा जैन मंदिर, हनीमून प्वाईन्ट , सनसेट पोईन्ट, गुरु शिकर, गौमुख मंदिर, अचलगढ़ अश्लेश्वर मंदिर , जीव अभ्यारण अन्य प्रसिद्ध स्थल है |

माउंट आबू का इतिहास (माउंट आबू की जानकारी )

भारत देश के राजस्थान राज्य के सिरोही जिले में माउंट आबू में एक जैन तीर्थ स्थल है | जो प्रसिद्ध लोकप्रिय है | माउंट आबू पुराना हिल स्टेशन है | कहा जाता है माउंट आबू में तैतीस करोड़ देवी देवता निवास करते है | पौराणिक कथाओ के अनुसार कहा जाता है | की यहाँ महान संत वशिष्ठ ने असुरो (राक्षसों ) विनाश करने के लिए यज्ञ किया गया था |

माउंट आबू की जानकारी
माउंट आबू की जानकारी

इस यज्ञ में तीर्थकर भगवान महावीर भी आये हुए थे | उसके बाद से माउंट आबू जैन धर्म के लिए धार्मिक जगह हो गई | माउंट आबू का आबू नाम हिमालय के पुत्र आरबुआदा के नाम से पड़ा | आरबुआदा विशाल शक्तिशाली सर्प था | आरबुआदा भगवान महादेव शिव के नंदी जब खाई में गिर रहा था | उस समय आरबुआदा नंदी की जान बचायी थी |

उसके पच्चात यह स्थान माउंट आबू के नाम से प्रसिद्ध हुआ था | इस स्थान पर गोमुख एवं संत वशिष्ठ ने इस स्थान पर निवास किया था | आज यह स्थान धार्मिक स्थल होने बाद भी पर्यटन स्थल भी है |

माउंट आबू की ऐतिहासिक बाते (माउंट आबू की जानकारी )

इतिहासकारो से पता चल है की यहाँ पर नगाओ एवं भीलो और सोकंलियो एवं परमार तथा देवड़ा चौहान वंश ने माउंट आबू पर शासन किया था | परन्तु यहाँ पर दिलवाडा जैन मंदिर का निर्माण सोलंकियो के शासनकाल में बनवाया गया था | यहाँ पर गुर्जर के शासनकाल में गौरव प्राप्त हुआ था |

माउंट आबू की जानकारी
माउंट आबू की जानकारी

उसके बाद यह स्थान गुर्जर भूमि के नाम से जाने जाता था | मुग़ल अकबर शासनकाल में यहाँ पर महिलाओ को महत्त्व दिया जाता था | परन्तु ब्रिटिश शासनकाल के समय महिलाओ का महत्त्व ख़त्म हो गया था | माउंट आबू को राजस्थान की राजधानी ग्रीष्मकाल का शीर्षक प्राप्त हुआ था |

माउंट आबू नाम कैसे पड़ा

माउंट आबू राजस्थान राज्य के सिरोही जिले में  स्थित एक पर्वत है। इसका नाम संस्कृत शब्द “अर्बुद” से लिया गया है |  इसे अंग्रेजी भाषा में “Mount Abu” कहते  है।

माउंट आबू का भूगोल (माउंट आबू की जानकारी )

माउंट आबू पर्वतीय इलाका है और यह अरावली पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 1220 मीटर है। माउंट आबू का क्षेत्रफल लगभग 280 वर्ग किलोमीटर है। यहाँ अनुकूल जलवायु वाला क्षेत्र है । माउंट आबू की खूबसूरती को बढ़ाने वाले झरने , झीलों, जंगलों और पहाड़ों में घूमने के लिए बहुत दर्शनीय स्थल हैं।

माउंट आबू में घूमने की जगह (माउंट आबू की जानकारी )

दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू

दिलवाड़ा जैन मंदिर राजस्थान राज्य के सिरोही जिले के माउंट आबू पर्वत पर स्थित है |। यह मंदिर जैन धर्म के दो भागों में विभाजित है – श्वेताम्बर जैन मंदिर और दिगंबर जैन मंदिर।

दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू
दिलवाड़ा जैन मंदिर माउंट आबू

01 श्वेताम्बर जैन मंदिर में भगवान आदिनाथ की बड़ी मूर्ति स्थापित है। 

02 दिगंबर जैन मंदिर में पांचवे तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर में भगवान  शांतिनाथ की भी स्थापना  हैं।

दिलवाड़ा जैन मंदिर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह मंदिर आकर्षक संग्रहालयों, विशालकाय स्तूपों और धार्मिक आयोजनों करने के लिए जाना जाता है।

माउंट आबू की नक्की झील (माउंट आबू की जानकारी )

नक्की झील माउंट आबू की पर्यटक आकर्षक स्थल है | माउंट आबू की जानकारी के अनुसार यह झील पहली भारत की मनुष्य के द्वारा बनाई गई है | इस झील की लम्बाई लगभग 110000मीटर है एवं चौडाई करीब 1 मिल है | कहा जाता है की इस झील में महात्मा गांधी जि अस्थिया 12 फरवरी 1948 में विसर्जित की गई थी |

माउंट आबू की नक्की झील
माउंट आबू की नक्की झील

और यहाँ पर गाँधी घाट बनाया गया था | इस झील में नाव में बैठकर झील का आंनंद ले सकते है | शांति और स्वास्थ्य के साथ भरपूर आराम भी प्राप्त कर सकते हैं।

माउंट आबू का गुरु शिखर

गुरु शिखर माउंट आबू की सबसे ऊँची अरावली पहाडी की छोटी है | माउंट आबू की जानकारी के अनुसार माउंट आबू से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी है | इस शिखर की तल से 1722 मीटर ऊँचाई है | यहाँ पर आबुवेधाशाला एवं गुरु दत्तात्रेय की गुफा है जो भगवान विष्णु को समर्पित है |

माउंट आबू का गुरु शिखर
माउंट आबू का गुरु शिखर

इस स्थान पर चारो और धुँआ दुखाई देता है | इस जगह पर आने वाले पर्यटकों के मन को मोह लेता है |

माउंट आबू का गौमुख मंदिर (माउंट आबू की जानकारी )

माउंट आबू से 1 किलोमीटर की दुरी पर गौमुख का मंदिर है | यह मंदिर भगवान शिव का मंदिर है | इस गौमुख मंदिर जाने के लिए लगभग 700 सीढ़ियो से चल कर जाना पड़ता है | इस मंदिर में पर्यटको की भीड़ हमेशा रहती है | इस मंदिर में संगमरमर की गाय की प्रतिमा से पानी निकालता है | ओए इस मंदिर में ऋषि वशिष्ठ एवं भगवान विष्णु और भगवान श्री राम तथा नंदी की प्रतिमा है |

माउंट आबू का गौमुख मंदिर
माउंट आबू का गौमुख मंदिर

गौमुख मंदिर के बारे में कहा जाता है की इस मंदिर को ऋषि वशिष्ठ के बनवाया था जिसमे चार राजपूतो ने इस मंदिर का निर्माण करने के लिए यज्ञ किया गया था | और रामायण की कथा से यह पता चला है श्री राम को जब वनवास हुआ था तब श्री राम एवं लक्ष्मण ज्ञान प्राप्त करने के लिए ऋषि वशिष्ठ के आये थे | एवं उन्होंने ऋषि वशिष्ठ से आशीर्वाद भी लिया था |

माउंट आबू का अर्बुदा देवी का मंदिर

माउंट आबू का अर्बुदा देवी का बड़ा पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है | माउंट आबू की जानकारी के अनुसार कहा जाता है माता अर्बुदा देवी का मंदिर 51 शक्तिपिठो में से छठा शक्तिपीठ है | जो माता कात्यायनी देवी का अवतार कहा जाता है | माता के मंदिर में नवरात्रि के समय में भक्तो की भीड़ उमड़ी रहती है | भक्त दूर दराज से माता के दर्शन करने के लिए आते है | इस मंदिर में 365 चिढीया पैदल चलकर जाना पड़ता है | एवं यह मंदिर एक गुफा के अन्दर है |

माउंट आबू का अर्बुदा देवी का मंदिर
माउंट आबू का अर्बुदा देवी का मंदिर

अर्बुदा देवी माता के मंदिर के पास दूध के समान सफ़ेद रंग का पवित्र पानी का कुआ है | इस कुए को कामधेनु कुआ के नाम से जानते है | इस कुए में चट्टानों से पानी आता है | यह एक पवित्र कुआ है |

माउंट आबू का ट्रेवल टैक (माउंट आबू की जानकारी )

ट्रेवल टैक माउंट आबू से पांच किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेस रूप में माना जाता है | इसका डिजाईन एवं नाम एक ट्रेवल नामक इंजीनियर ने रखा था |

माउंट आबू का ट्रेवल टैक
माउंट आबू का ट्रेवल टैक

ट्रेवल टैक में मगरमच्छ एवं पक्षी और वन्यजीवों के देखने के लिए एकांत जगह में तालाब ( जलाशय ) है | यह पर प्रति वर्ष हजारो पर्यटक इस जगह को देखने के लिए आते है | इस जगह पर प्रकृति का नजारा देखने को मिलता है |

माउंट आबू का वन्यजीव अभ्यारण

माउंट आबू की जानकारी के अनुसार माउंट आबू का वन्यजीव अभ्यारण समृद्ध जैव विविधता का अभ्यारण है | जो भारत के छोटे एवं अच्छे पर्यटक स्थल के रूप में शामिल किया गया है | यहाँ पर सम्पूर्ण जगह में जंगलो एवं वन्य जीवो को सुरक्षित रखने के लिए वन्यजीव अभ्यारण बनाया गया है | यह अभ्यारण माउंट आबू में सबसे पुराना अभ्यारण है |

माउंट आबू का वन्यजीव अभ्यारण
माउंट आबू का वन्यजीव अभ्यारण

यहाँ के सदाबहार जंगलो में जीवांत वनस्पति पायी जाती है | यहाँ पर अभ्यारण के साथ कई दर्शनीय स्थल भी है | यहाँ पर पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव लेते है |

माउंट आबू का टॉड रॉक (माउंट आबू की जानकारी )

माउंट आबू के टॉड रॉक के माउंट आबू का शुभंकर के रूप में पहचाना जाता है | यह जगह बड़ी-बड़ी चट्टानों एक अद्सेभुत तरह से बनी हुई है | यहाँ आस-पास में झील एवं झरने और पहाडियों के सुन्दर सौंदर्य को पर्यटक देखने के लिए उत्साहित होते है |

माउंट आबू का टॉड रॉक
माउंट आबू का टॉड रॉक

इस जगह पर पर्यटक एक चट्टान से दूसरी चट्टान पर चदकर यहाँ के सुंदर सौंदर्य को पर्यटक कैमरे में फोटो खीचकर कैद कर सकते है |

माउंट आबू का रघुनाथ मंदिर

माउंट आबू की जानकारी के अनुसार रघुनाथ मंदिर माउंट आबू के नक्की झील के किनारे स्थित है | पौराणिक कथाओ के अनुसार कहा जाता है की यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार है | और यह भी कहा जाता है यह मंदिर लगभग 650 वर्ष पुराना है रघुनाथ मंदिर को संसार के सबसे पवित्र मंदिर में से एक मंदिर माना जाता है |

माउंट आबू का रघुनाथ मंदिर
माउंट आबू का रघुनाथ मंदिर

इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की इस मंदिर पर आने वाले भक्तो को प्राकृतिक आपदाओ से बचाते है | एवं सारी समस्याओ को दूर करते है | इस मंदिर में मेवाड़ के स्थापत्य की विरासत शिलालेखो में देखने को मिलती है | इस मंदिर में पेंटिंग बारीकी से की गई है | रघुनाथ की मंदिर माउंट आबू का आकर्षक स्थल है |

माउंट आबू का टूरिस्ट प्लेस युनिवर्सल पिस हॉल

टूरिस्ट प्लेस युनिवर्सल पिस हॉल माउंट आबू के ब्रह्मा कुमारी विश्वविद्यालय का मुख्य हाल है | इस भवन को ओम शांति भवन के नाम सेभी जाना जाता है | इस भवन निर्माण सन 1983 में करवाया गया था | इस हॉल में करीबन 5000 लोगो के बैठने की जगह है |

माउंट आबू का टूरिस्ट प्लेस युनिवर्सल पिस हॉल
माउंट आबू का टूरिस्ट प्लेस युनिवर्सल पिस हॉल

टूरिस्ट प्लेस युनिवर्सल पिस हॉल को सार्वजनिक पर्यटन स्थल घोषित किया गया है | जब से करीबन 9000 से अधिक लोग इस हॉल को देखने के लिए प्रति दिन आते है |

माउंट आबू का अचलगढ़ का किला (माउंट आबू की जानकारी )

माउंट आबू का अचलगढ़ का किला माउंट आबू की जानकारी के अनुसार माउंट आबू से 11 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | यह किला राजस्थान का प्राचीन प्रसिद्ध किला है | अचलगढ़ में अचलेश्वर महादेव का मंदिर एवं जैन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है | यह पर एक मन्दाकिनी झील भी है जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षक है |

माउंट आबू का अचलगढ़ का किला
माउंट आबू का अचलगढ़ का किला

अचलेश्वर महादेव मंदिर में नंदी की प्रतिमा पांच धातुओ से बनी हुई है | जो कांस्य, सोना,जस्ता, तांबा एवं पीतल इन पांच धातुओ को मिलकर नंदी की प्रतिमा बनी हुई है | इतिहास के आधार पर पुराने मंदिर एवं किले पर्यटकों के लिए आकर्षक बने हुए है |

माउंट आबू का सूर्यास्त केंद्र (माउंट आबू की जानकारी )

माउंट आबू के सूर्यास्त केंद्र को सेट पोईन्ट के नाम से भी जाना जाता है | यह जगह पर्यटको के लिए एक आकर्षक केंद्र है | यहाँ पर सूर्य की किरणे पर्यटकों को आकर्षक करती है | यहाँ पर सूर्यास्त के समय सूर्य की किरणे लाला एवं नारंगी रंग से बहुत खुबसूरत दिखाई देती है |

माउंट आबू का सूर्यास्त केंद्र
माउंट आबू का सूर्यास्त केंद्र

माउंट आबू में घूमने जाने का समय | Mount Abu weather (माउंट आबू की जानकारी )

माउंट आबू में घूमने जाने का सही समय सर्दियों के मौसम में जाना चाहिए | क्योकि की यहाँ का मानसून अच्छा होता है | यहाँ पर जगह जंगलो से घिरी हुई है | फूलो एवं झाड़ियो और शुम्भधारी पेड़ भी है |

यहाँ घूमने के लिए अच्छा समय जुलाई महीने से फरवरी महीने तक का अच्छा मौसम होता है |

इस समय में यहाँ का तापमान भी घूमने के लिए अच्छा होता है |

निष्कर्ष :-

माउंट आबू की जानकारी | इतिहास | घूमने की जगह | तापमान | जाने का समय | History of Mount Abu के इस लेख में हमारी टीम सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है | की यहाँ का इतिहास क्या है एवं यहाँ की ऐतिहासिक बाते क्या है और माउंट आबू नाम कैसे पड़ा तथा यहाँ का भूगोल क्या है एवं यहाँ पर घूमने की जगह कौन-कौन सी है और यहाँ पर घूमने का सही समय क्या है | सम्पूर्ण जानकारी इस लेख के माध्यम से दी गई है |

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माउंट आबू की जानकारी FAQ :-


माउंट आबू कहां है और यह क्यों प्रसिद्ध है?

माउंट आबू राजस्थान राज्य के सिरोही जिले में है | यह धार्मिक स्थल के लिए प्रसिद्ध है |


माउंट आबू में क्या है खास?

माउंट आबू में खास तौर पर तालाब, झरने, धार्मिक स्थल, पर्यटक स्थल और सदाबहार घने जंगल है |


माउंट आबू कौन से महीने में जाना चाहिए?

माउंट आबू मार्च एवं जून महीने में जाना चाहिए |


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