Maha Shivaratri Story in Hindi जाने क्यों मनाई जाती महा शिवरात्रि महापर्व जाने सम्पूर्ण जानकारी 

Maha Shivaratri Story in Hindi जाने क्यों मनाई जाती महा शिवरात्रि महापर्व जाने सम्पूर्ण जानकारी 

प्रिय पाठको क्या आपको पता है की महा शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है आज हम Maha Shivaratri Story in Hindi के इस लेख के माध्यम से महा शिवरात्रि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी इस लेख के माध्यम से जानेंगे की महा शिवरात्रि क्या है | आज हम Maha Shivaratri Story in Hindi के माध्यम से महा शिवरात्रि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के बारे में पढेंगे | ये भी पढ़े :-Hawa mahal Jaipur history in India Rajasthan 

Maha Shivaratri Story in Hindi
Maha Shivaratri Story in Hindi

Maha Shivaratri Story in Hindi | महाशिवरात्रि की कथा

महा शिवरात्रि की आप सभी भक्तगणों को तहदिल से हार्दिक सुभकामनाएँ | महा शिवरात्रि का यह महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष चतुर्दर्शी के दिन मनाया जाता है | यह दिन शिव भक्तो के लिएँ एक महत्वपूर्ण दिन होता है | शिव भक्त महा शिवरात्रि को त्रयोदशी की में मनाते है | कहा जाता है की इस दिन भगवान शिव का ब्रह्मा से रूद्र रूप में मध्यरात्रि को अवतरण हुआ था | 

यह भी कहा जाता है की प्रलय की बेला में भगवान शिव ने तांडव किया एवं ब्रहमांड को शिव ने अपने तीसरी नेत्र से ज्वाला को समाप्त कर दिया था | इसी कारण से उस दिन को महा शिवरात्रि या कालरात्रि कहा जाता है | भगवान शिव तीन लोको की अपार सुन्दरी शीलवती गौरी को अर्धांगनी के रूप में अपनाने वाले भूतो से घिरे रहते है | शिव भक्तो के पुरे शरीर पर शमासनो की भस्म लगते है |

 एवं गले में सापों की माला पहनते है |शिर के जटाओ में पवन गंगा विराजमान है | शिव के माथे में प्रलयंकारी ज्वाला है | भगवान शिव का वहां के रूप में बैल को अपनाते है | शिव के अनेखो रूप होने के बावजूद भी भगवन शिव अपने भक्तो को मंगल एवं सुख संपदा देते है | 

भगवान शिव को कालों के काल एवं देवों के देव महादेव भी कहते है | भगवान शिव के इस पवन वृत्त का विशेष महत्त्व है | भगवन शिव के इस महान वृत्त को ब्राहमण,वैश्य, शुद्र, क्षत्रिय,नारी,बालक वृद्ध कर सकते है | 

महा शिवरात्रि पूजा सामग्री | Maha Shivaratri pooja Samagri

महा शिवरात्रि के दिन पूजा में ली जाने वाली वाली सामग्री निन्म प्रकार से है :- 

  • गंगाजल 
  • बिलपत्र 
  • रोली 
  • मौली 
  • अक्षत ( चावल )
  • पान ( तांबूल )
  • सुपारी ( पुंगी फल 
  • धतूरे के पुष्प 
  • पुष्प 
  • पत्र 
  • इलायची 
  • लौंग 
  • दूध 
  • देशी गाय का घी 
  • शहद 
  • चीनी 
  • कलम गट्टा 
  • प्रसाद 
  • भांग 
  • धुप बत्ती 
  • पुष्प कनेर का यदि उपलब्ध हो तो |

महा शिवरात्रि की ये सम्पूर्ण सामग्री लेन के बाद भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए | भगवान शिव की आरती उतारनी चाहिए | भगवान शिव को दीप एवं धुप समर्पित करने चाहिए | शिव चालीचा एवं सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिएं | भगवान शिव के ओम नम: शिवाय एवं ओम महेशराय नम: एवं अन्य भगवान शिव के मंत्रों का पाठ करना चाहिए | उसके बाद भगवान शिव पर भांग भी चढ़ानी चाहिए | 

महाशिवरात्रि कब है 2024, महाशिवरात्रि कब है | Maha Shivaratri Kab Hai

महा शिवरात्रि 8 मार्च 2024 को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष चतुर्दर्शी के दिन से शुरू होगी एवं 9 मार्च 2024 को समाप्त हो जाती है | 

महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है | Maha Shivaratri Kayo Manayi Jati Hai

महा शिवरात्रि हिन्दू धर्म की मान्यताओ के अनुसार महा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती का विवाह हुआ था | उसी दिन को महा शिवरात्रि को हिन्दू एक महान पर्व के रूप में मनाते है |

महा शिवरात्रि की पूजा विधि | Maha Shivratri puja Vidhi

महा शिवरात्रि की पूजा करने के लिए शिव मंदिर जाना चाहिए | भगवान शिव मंदिर जाकर भगवान शिव ( शिवलिंग ) को प्रमाण करना चाहिएं | एवं शिवामंत्रो के उच्चारण के साथ भगवान शिव पर गंगाजल,कच्चा दूध,देशी घी,दही, गन्ने का रस से भगवान शिव को अभिषेक करना चाहिए | उसके उपरांत भगवान शिव पर बेलपत्र,भांग,धतुरा,बेर अन्य समर्पित करने चाहिए | भगवान शिव की पूजा करने पर शिव चालीचा एवं शिव आरती का पाठ करना चाहिए |

FAQ:-

महाशिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया जाता है?

इस दिन भगवान शिव का ब्रह्मा से रूद्र रूप में मध्यरात्रि को अवतरण हुआ था

महाशिवरात्रि के पीछे की कहानी क्या है?

महा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती का विवाह हुआ था | 

शिवरात्रि का दूसरा नाम क्या है?

शिवरात्रि का दूसरा नाम काल रात्रि एवं हर रात्रि  है |

शिवरात्रि पर शिव क्या करते हैं?

शिवामंत्रो के उच्चारण के साथ भगवान शिव पर गंगाजल,कच्चा दूध,देशी घी,दही, गन्ने का रस से भगवान शिव को अभिषेक करना चाहिए | उसके उपरांत भगवान शिव पर बेलपत्र,भांग,धतुरा,बेर अन्य समर्पित करने चाहिए | भगवान शिव की पूजा करने पर शिव चालीचा एवं शिव आरती का पाठ करना चाहिए | 

निषकर्ष :- 

maha shivaratri story in hindi के इस लेख में हमारी टीम से महा शिवरात्रि के बारे में सम्पूर्ण जानकरी इस लेख के माध्यम से दी गई है | की महा शिवरात्रि में पूजा सामग्री एवं पूजा विधि,महा शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है, महा शिवरात्रि कब है ये सम्पूर्ण जानकरी maha shivaratri story in hindi के माध्यम से दी गई है |

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