प्रिय पाठको आज हम kumbhalgarh fort history के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे जो की kumbhalgarh fort history भारत देश के राजस्थान राज्य के राजसमंद जिले में स्थित है | यह कुंभलगढ़ किला एक किला नहीं जबकि राजपूत युग की धरोहर की वास्तुकला की सुन्दरता एवं रणनीतिक कौशल का एक प्रमाण है kumbhalgarh fort history महाराणा प्रताप का जन्म स्थल के रूप में प्रसिद्ध है | एस किले की ऊँची दीवारे एवं मजबूत इतिहास में राजपूत किला है | यह किला प्रभावशाली किलेबंदी के करण भारत देश की महान दीवार के रूप में प्रसिद्ध है | आज हम एस ब्लॉग के माध्यम से कुंभलगढ़ किले के इतिहास एवं वास्तुकला और महत्त्व के साथ – व्यवहारिक जानकारी के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे |
kumbhalgarh fort | कुंभलगढ़ किला
कुंभलगढ़ किला एक ऐतिहासिक स्थल ही नहीं है | बल्की राजपूत युग का लचीलापन एवं कलात्मकता और रणनीतिक प्रतिभा को दर्शाता है | यह किला आने वाले पर्यटक को वास्तुकला एवं इतिहास प्रकृति के प्रेमी के शौकीन को कुंभलगढ़ किला अनूठा अनुभव दिखता है | इस कलात्मक कला से मोहित कर देता है | इस किले के ऊपर खड़े होकर विशाल परिदृश्य एवं राजसी दीवारों को देखते है | तब यहाँ की वीरता एवं बलिदान रो राजपूतो की अदम्य भावना की कहानियां देखने को मिलती है | राजस्थान इतिहास में विरासत एवं समृद्ध को दर्शाया गया है |
kumbhalgarh fort history | कुंभलगढ़ किले का इतिहास
कुंभलगढ़ किले का निर्माण महाराणा कुंभा ने करवाया था | महाराणा कुंभा सिसोदिया राजवंश के थे | उन्होंने इस किले का निर्माण 15 वीं शाताब्दी में सन्न 1459 से 1468 के बीच में करवाया था | एस किले का निर्माण युद्ध के समय शासकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एवं युद्ध की रणनीति की स्थिति और दुर्जेय सुरक्षा एस किले को महत्वपूर्ण दुर्ग बनाया गया था |
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कुंभलगढ़ का किला ऊँची उल्लेखनीय दीवारों के लिए प्रसिद्ध है एवं यह किला लगभग 36 किलेमीटर से भी अधिक दुरी पर फैला हुआ है | इस किले की दीवार विश्व की सबसे ऊँची एवं लम्बी दूसरी दीवार है | जो की चीन देश की महान दीवार के बाद दूसरी महान दीवार है | कुंभलगढ़ किला के इतिहास में उल्लेखनीय घटनाओं में से एक घटना सन्न 1577 में हुई थी |
उस समय अकबर की सेना के कुंभलगढ़ किला की घेराबंदी की थी | उसकी सेना 6 माह की अथक प्रयास की लडाई के बाद कुंभलगढ़ किला पर कब्जा कर लिया गया था | परन्तु कुछ ही समय के बाद महाराणा प्रताप ने कुंभलगढ़ किले को अपने कब्जे में ले लिया था | यह किला राजपूत वीरता के प्रतिक के रूप ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाता है |
kumbhalgarh fort sthapatya kala | कुंभलगढ़ किले के स्थापत्य कला
कुंभलगढ़ किले में वास्तुकला एवं कार्यक्षमता और सुन्दरता को दर्शाया गया है | एस किले में सात विशाल प्रवेश द्वार है | उसे पोल रूप के नाम से जाना जाता है | उस द्वार को रणनीतिक रूप से दुश्मन के आक्रमण को विफल करने के उद्धेश्य से बनाया गया है | इस किले में ऊँचे बुर्ज एवं लम्बी और मोटी दीवारे न केवल सुरक्षा के लिए परन्तु कलात्मक शक्ति को भी पदर्शित करती है | जो कुंभलगढ़ किले के मुख्य द्वार निम्नांकित है –
क्र. सं. | द्वार का नाम | द्वार का महत्त्व |
1. | हनुमान पोल | कुंभलगढ़ किले का पहला द्वार है उस द्वार को आगंतुक देखते है | यह द्वार हाथियों के द्वरा तोड़ने से रोकने के लिए बनाया गया था | |
2. | भैरव पोल | भैरव पोल को कुंभलगढ़ किले का मुख्य प्रेवश द्वार कहा जाता है | एइस द्वार से किले के आतंरिक परिसर में पहुँचने के लिए महत्वपूर्ण है | |
3. | चोघल पोल | कुंभलगढ़ किले का यह द्वरा किले के समतल क्षेत्र की जाता है | वहां पर शाही हाथियों को रखा जाता था | जो की किले के सैन्य गढ़ एवं शाही निवास के दोहरे उद्धेश्य को दर्शाता है | |
कुंभलगढ़ किले के भीतर आगंतुक जैन मंदिर एवं हिन्दू मंदिरों सहित लगभग 360 से अधिक मंदिर है | जो की इस मंदिरों की जटिल नक्काशी एवं स्थापत्य कला शैली को दर्शाता है | एस किले भगवान शिव नीलकंठ महादेव विशेस मंदिर है | जिसमे एक विशाल शिवलिंग स्थापित है | जो आज भी पूजा का स्थल बना हुआ है |
kumbhalgarh fort rahsymay badal | कुंभलगढ़ किले रहस्यमय बदल महल
कुंभलगढ़ किले किले के अन्दर रहस्मय तरीके से बदल महल बना हुआ है | जिसे बदलो का महल कहा जाता है | यहाँ पर दो मंजिला महल आसपास के मनोरम दृश्य को दर्शाता है | ये महल सुंदर भित्तिचित्रो के नाम से जाना जाता है | इस महलों में प्राकृतिक वनस्पति रंगों के उपयोग से बनाया गया था | यह कलाकृति राजपूत युग की कलात्मकता को दर्शाता है | एवं निवासियों की शानदार जीवनशैली को दर्शाता है |
किले में बने महल के ऊपर हमेश मानसून मौसम के बदलो से ढके रहते है | जिससे वहा का वातावरण शांत एवं ठंडा रहता है | वहां की जटिल कलाकृतियां एवं महल की स्थापत्य और बनावट तथा किले की सुन्दरता को दर्शाता है |
kumbhalgarh kila kisne banwaya | कुंभलगढ़ किला कहां स्थित है कुंभलगढ़ किला भ्रमण
कुंभलगढ़ किला भ्रमण करने के लिए निम्न बिन्दुओ को ध्यान में रखना चाहिए | जो निम्नलिखित है :-
क्र.सं. | किले का स्थान | किले की जानकारी |
1. | कुंभलगढ़ किले का स्थान | कुंभलगढ़ किला उदयपुर से लगभग 84 किलोमीटर एवं राजसमंद से 47 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | |
2. | कुंभलगढ़ किले का प्रवेश शुल्क | कुंभलगढ़ किला में प्रवेश शुल्क भारतीय नागरिक का शुल्क 15 रुपये एवं विदेशी पर्यटकों के लिए शुल्क 200 रुपये निर्धारित है | |
3. | कुंभलगढ़ किला खोलने का समय | कुंभलगढ़ किला सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है | |
4. | कुंभलगढ़ किला में यात्रा का अच्छा समय | कुंभलगढ़ किला में सबसे अच्छा समय यात्रा करने के लिए सर्दियों के महीने में ( अक्टूबर से मार्च ) के दौरान होता है | उस समय मौसम यात्रा के लिए अच्छा रहता है | |
kumbhalgarh kile pratak sthal in hindi | कुंभलगढ़ किले के पास आकर्षण पर्यटक स्थल
कुंभलगढ़ किले के पास आकर्षण पर्यटक स्थल है जो की एस किले की गरिमा को बढाती है | ये जगह निम्नलिखित है :-
क्र. सं. | पर्यटक स्थल | पर्यटक स्थलों की विशेषताएं |
1. | कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य | कुंभलगढ़ किले के पास ( सटा ) कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य तेंदुए एवं हिरण सहित विभिन्न वनस्पतियों और जीवो का घर कहाँ जाता है | |
2. | रणकपुर जैन मंदिर | कुंभलगढ़ किले से लगभग 50 किलोमीटर की दुरी पर स्थित रणकपुर जैन मंदिर है | जिसकी जटिल नक्काशी एवं अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है | |
3. | मुच्छल महावीर मंदिर | कुंभलगढ़ किले के पास मुच्छल महावीर मंदिर है | जो भगवान महावीर को समर्पित शांति मंदिर है | यह मंदिर मूंछो वाली अनूठी मूर्ति के लिए जाना जाता है | |
4. | परशुराम महादेव मंदिर | कुंभलगढ़ किले के पास परशुराम महादेव मंदिर है | यह मंदिर एक गुफा में है | इसलिए उसे गुफा मंदिर के नाम से जाना जाता है | इस गुफा मंदिर को ऋषि परशुराम का ध्यान स्थल के रूप में भी माना जाता है | |
kumbhalgarh kile ka lait so | कुंभलगढ़ किले का लाइट एंड साउंड शो
कुंभलगढ़ किले की यात्रा के समय मुख्य आकर्षक केंद्र लाईट एंड सुंद शो है | यह शो इस किले का इतिहास एवं राजपूत राजाओं की वीरता को बयां करता है | जो की इस किले का ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाता है | इस किले का यह शो आमतोर पर शाम को 6 बजकर 45 मिनट पर शुरू हो जाता है एवं यह शो 45 मिनट तक चलता है | यहाँ पर देखने वाले इस शो को अच्छी एवं सुरक्षित सिट प्रदान की जाती है | जिससे रात के समय में रोशनी से जगमगाते किले का दृश्य का भरपूर आनंद ले सके |
निष्कर्ष :-
kumbhalgarh fort history की सम्पूर्ण जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से हमारी टीम ने सम्पूर्ण जानकरी दी गई है | की kumbhalgarh fort history का निर्माण कब करवाया गया था एवं निर्माण किसने करवाया था | इस किले के आसपास आकर्षक केंद्र और रहस्यमय बादल महल एवं किले की स्थापत्य कला आदि सम्पूर्ण जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से दी गई है | हमें आशा है की हमारी यह पोस्ट आपको बहुत प्रसन आएगी |
Important questions about Kumbhalgarh Fort | कुंभलगढ़ किला के महत्त्वपूर्ण प्रशन
कुंभलगढ़ क्यों प्रसिद्ध है ?
कुंभलगढ़ किला महाराणा प्रताप का जन्म स्थल के रूप में प्रसिद्ध है |
कुंभलगढ़ का राजा कौन था ?
कुंभलगढ़ का राजा महाराणा कुम्भा था
कुंभलगढ़ का युद्ध कब हुआ था ?
कुंभलगढ़ का युद्ध 1583 ईस्वी में हुआ था.
कुंभलगढ़ में कौन सा मंदिर है ?
भगवान शिव नीलकंठ महादेव विशेस मंदिर है |
कुंभलगढ़ की विशेषता क्या है?
कुंभलगढ़ का किला ऊँची उल्लेखनीय दीवारों के लिए प्रसिद्ध है एवं यह किला लगभग 36 किलेमीटर से भी अधिक दुरी पर फैला हुआ है |
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