प्रिय पाठको आज हम इस पोस्ट divorce petition by wife के माध्यम से जानेंगे की पत्नी द्वारा तलाक की यासिका क्यों द्वार्ज करायी जाती है | और उसके पीछे महत्वपूर्ण करण क्या है | जिससे पत्नी के द्वारा तलाक की यासिका दर्ज करायी जाती है | इस पोस्ट के माध्यम से आज हम Step By Step divorce petition by wife के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे |
divorce petition by wife | पत्नी द्वारा तलाक की याचिका
अक्षर देखा जाता है की नवविवाहित दम्पति के रिश्तों की बदलती परिभाषा और बढ़ती अपेक्षाओं के चलने के करण तलाक के मामले लगातार अदालत में बढ़ते जा रहे है | उस मामले में विशेषकर पत्नियों के द्वारा जब अपने पति के खिलाफ तलाक याचिका दायर की जाती है | तब उसके पीछे कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कारण होते हैं जो समाज एवं परिवार को चौका दिया जाता है | इस पोस्ट के माध्यम से उन महत्वपूर्ण प्रमुख कारणों एवं कानूनी प्रक्रियाओं पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला गया है | जिनके चलते महिलाओं के द्वारा बड़े कदम को उठाने का निम्नलिखित निर्णय लिया जाता है | जो निम्नांकित है :-
1. अविश्वास और धोखा
नवविवाहित दम्पति के लिए विवाह का सबसे बड़ा आधार विश्वास होता है। जब यह टूट जाता है | तो विशेष रूप से पति के विवाहित संबंधों के कारण, जब पत्नी के लिए विवाहित रिश्ते को निभाना मुश्किल हो जाता है। तब पति के द्वारा पत्नी को धोखा देना एक भावनात्मक रूप से महिलाओं को तोड़ दिया जाता है | जिससे महिलाओं के द्वारा ऐसे रिश्ते से बाहर निकलने का रास्ता चुना जाता है |
2. घरेलू हिंसा और दुर्व्यवहार
नवविवाहित दम्पति के लिए घरेलू हिंसा एक बहुत ही महत्वपूर्ण संवेदनशील मुद्दा है। जिससे शारीरिक एवं मानसिक और भावनात्मक उत्पन्न हो जाता है | जो नवविवाहित दम्पति के रिश्ते में होने वाले स्नेह की जगह उसे तकलीफ में बदल दिया जाया है | तथा महिलाओं को हिंसा और दुर्व्यवहार से सुरक्षा का अधिकार होता है | एवं इसी करण से कई पत्नियाँ तलाक याचिका दाखिल करना चाहती है या करती हैं।
3. नशे की लत और बुरा व्यवहार
नवविवाहित दम्पति विवाहित जीवन के चलते पति का शराब, नशीली दवाओं, या अन्य बुरी की लत कई बार नवविवाहित दम्पति विवाहित जीवन के रिश्ते को कठिन बना देती है। जिससे दम्पति के जीवन में बुरे व्यवहार और पारिवारिक जीवन में तनाव का माहौल हो जाता है | एवं महिलाओं के लिए असहनीय हो जाता है | जिसके चलते महिलाएं तलाक के लिए मजबूर हो जाती है |
4. समानता और आत्मसम्मान का अभाव
वर्त्तमान समय में महिलाएँ आत्मनिर्भर और सशक्त हैं| जिससे महिलाएं अपने आत्म-सम्मान से कोई समझौता नहीं करना चाहती है | महिलाओं के किसी भी रिश्ते में सम्मान का होना बहुत अनिवार्य है | इसलिए जब महिलाओं का असमानता या अपमान हो जाता है | तब महिलाओं के द्वरा उसे स्वीकार नहीं किया जाता है |
5. भावनात्मक दूरी और अलगाव
जब किसी पति-पत्नी के बीच में लंबे समय तक भावनात्मक जुड़ाव कमज़ोर हो जाता है | तब महिलाओं को एक खालीपन का एहसास होता है।तथा भावनात्मक दूरी और संवाद की कमी भी रिश्ते को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उस स्थिति में महिलाएं पति से दूर होने के लिए तलाक याचिका दर्ज करवाने के लिए मजबूर हो जाती है |
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तलाक याचिका की कानूनी प्रक्रिया: जानिए कैसे होती है यह शुरू
तलाक की प्रक्रिया हर राज्य में अलग-अलग तरीके से हो सकती है, लेकिन इसके कुछ मुख्य बिंदु लगभग सभी जगह समान होते हैं | जो निम्नलिखित इस प्रकार से है :-
1. तलाक याचिका का प्रारंभ
पत्नी को अपने पति से तलाक के लिए फैमिली कोर्ट में तलाक याचिका दायर करनी होती है | इस तलाक की याचिका में तलाक के कारणों को स्पष्ट रूप से लिखा जाता है | ताकि अदालत में केस को गंभीरता से समझा जा सके |
2. समझौता और मध्यस्थता के प्रयास
अदालत अक्सर दंपति को समझोता करने का अवसर प्रदान कराती है | जिसमें माध्यम से दम्पति को एक आखिरी मौका दिया जाता है। परन्तु दोनों पक्ष आपसी सहमति से समझोता करने में असफल रहते हैं | तो उस स्थिति में तलाक की आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाती है |
3. सुनवाई और सबूतों की मांग
दम्पति के तलाक के केस के दौरान दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बात कहने का अवसर प्रदान किया जाता है। जिससे प्रति पक्ष के सबूत एवं गवाह और तर्क प्रस्तुत किए जाते हैं। दम्पति के इस केस की यह प्रक्रिया कुछ महीनों से लेकर सालों तक चल सकती है | परन्तु निर्भर यह करता है कि मामला कितना कठिन है।
4. अंतिम निर्णय
अदालत दम्पति के सभी सबूतों और बयानों की समीक्षा करती है उसके बाद अदालत के द्वारा तलाक का निर्णय लिया जाता है | अदालत के फैसले में बच्चों की कस्टडी एवं संपत्ति का विभाजन और भरण-पोषण भत्ता जैसी महत्वपूर्ण बातों पर भी निर्णय अदालत के द्वारा लिया जाता है |
तलाक के दौरान महिलाओं के अधिकार
तलाक की प्रक्रिया में महिलाएँ अपने निम्न अधिकारों का दावा अदालत में कर सकती हैं, जैसे:-
- भरण-पोषण भत्ता: तलाक याचिका में महिला अपने जीवन-यापन के लिए अदालत के माध्यम से आर्थिक सहायता की मांग कर सकती है।
- बच्चों की कस्टडी: तलाक के समय अदालत अक्षर बच्चों की सुरक्षा एवं सुखद भविष्य को ध्यान में रखते हुएं बच्चों की कस्टडी का फैसला करती है।
- संपत्ति में अधिकार: महिलाएं अदालत में तलाक के दौरान पति की संपत्ति में पत्नी के द्वारा अपने हक का दावा किया जा सकता है | यह दावा तब किया जाता जब विशेषकर अगर पत्नी घर की देखभाल कर रही हो या पत्नी के द्वारा आर्थिक सहयोग दे रही हो उस स्थिति में पत्नी तलाक के समय संपत्ति में अधिकार माना जाता है |
समाप्ति नोट: महिलाएं अपने अधिकारों की जानकारी से सशक्त बनें
वर्त्तमान समय में प्रति महिलाओं को अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी होना आवश्यक है | परन्तु महिलाएं अपने ज़रूरत के समय खुद को सशक्त या मजबूत महसूस कर सकें। अगर कोई भी महिला अपने दम्पति रिश्ते में खुश नहीं है या स्वयं को सुरक्षा का एहसास नहीं होता है | उस समय महिलाओं के लिए तलाक का विकल्प हमेशा खुला है। परन्तु तलाक का निर्णय एक मुश्किल निर्णय होता है | बल्की अपने आत्म-सम्मान एवं स्वतंत्रता और भावनात्मक सुरक्षा को प्राथमिकता देना सबसे महत्वपूर्ण बेहद होता है |
निष्कर्ष :-
divorce petition by wife के इस पोस्ट के माध्यम से हमारी टीम ने सम्पूर्ण जानकरी इस पोस्ट के माध्यम से दी गई है | की महिलाएं तलाक लेने के लिए क्यों मजबूर हो जाती है | एवं तलाक के समय महिलाओं का क्या अधिकार होता है | और तलाक के समय महिलाओं को किन-किन बातो का ध्यान रखना चाहिए | महिलाओ के क्या अधिकार होते है | ये सम्पूर्ण जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से दी गई है | हमें आशा है की हमारी यह पोस्ट आपको बहुत प्रसन्न आएगी |
FAQ
पति अपनी पत्नी को तलाक कैसे देता है?
अदालत दम्पति के सभी सबूतों और बयानों की समीक्षा करती है उसके बाद अदालत के द्वारा तलाक का निर्णय लिया जाता है | अदालत के फैसले में बच्चों की कस्टडी एवं संपत्ति का विभाजन और भरण-पोषण भत्ता जैसी महत्वपूर्ण बातों पर भी निर्णय अदालत के द्वारा लिया जाता है |
क्या पति पत्नी को तलाक का नोटिस भेज सकता है?
पति के द्वारा भी पत्नी को तलाक के नोटिस भेजा जा सकता है |
तलाक का नया नियम क्या है?
तलाक का नया नियम पति पत्नी की आपसी सहमति से तलाक लिया जा सकता है |
तलाक के बाद पत्नी को क्या मिलता है?
तलाक के बाद पत्नी गुजरा भत्ता मिल सकता है अगर पत्नी उस गुजारे भत्ते के योग्य है |
तलाक लेने का सबसे आसान सस्ता तरीका क्या है?
तलाक लेने का सबसे महत्वपूर्ण आसान तरीका आपसी सहमति होता है |