राजस्थान के प्रमुख मेले | Rajasthan ke Pramukh mile

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राजस्थान के प्रमुख मेले | Rajasthan ke Pramukh Mele

प्रिय पाठकों / विद्यार्थियों आज हम जानेंगे राजस्थान के प्रमुख मेले के बारे की राजस्थान के प्रमुख मेले कोन – कोन से है एवं ये मेले कहा भरे जाते जाते है | इन प्रमुख मेलों के बारे में आज हम विस्तार से जानेंगे | यह भी पढे:-राजस्थान के उद्योग

पुष्कर मेला ( अजमेर )

राजस्थान के प्रमुख मेले में से एक पुष्कर का मेला विशेष है जो यह पुष्कर मेला अजमेर में भरा जाता है एवं पुष्कर मेला कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन विशाल मेला भरा जाता है | पुष्कर मेले बड़ा बाजार भी लगता है एवं राजस्थान के मेले पुष्कर में पर्यटक देश एवं विदेश से पुष्कर का मेला देखने के लिए आते है | 

राजस्थान के प्रमुख मेले
राजस्थान के प्रमुख मेले

पुष्कर मेले में कई प्रकार की प्रतियोगिता होती है | और पुष्कर में विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा जी का मंदिर एवं पुष्कर झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है | राजस्थान के मेले पुष्कर में शाम के समय दीपदान होता है |  

कैला देवी मेला ( सवाई माधोपुर )

राजस्थान के प्रमुख मेले में से कैला देवी का मेला भी एक विशेष है जो को कैला देवी का मेला सवाई माधोपुर में भरा जाता है | यहाँ मेला माँ दुर्गा का है जो माँ दुर्गा कैला माता का मेला भरा जाता है | एवं यह मेला प्रतिवर्ष चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष अष्टमी को भरा जाता है | राजस्थान के प्रमुख मेले यह मेला उस दिन विशाल रूप में भरा जाता है | कैला देवी मेला को लक्खी मेला भी कहते है | 

कैला देवी मेला ( सवाई माधोपुर )
कैला देवी मेला ( सवाई माधोपुर )

कैला देवी का मेला चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष द्वादशी से मेला भरना शुरू हो जाता है जो चैत्र शुक्ल पक्ष द्वादशी तक चलता है |राजस्थान के प्रमुख मेले कैला देवी के इस विशाल मेले दर्शनार्थी दूर दराज से माँ दुर्गा कैला देवी के दर्शन करने के लिए आते है |

महावीर मेला ( सवाई माधोपुर )

राजस्थान के प्रमुख मेले महावीर जी भी बड़े उत्साह से मनाया जाता है | यह में सवाई माधोपुर जिले के राजस्थान राज्य में भरा जाता है | एवं महावीर जि का मेला चेत्र महा शुक्ल पक्ष से एकादशी से बैसाख महा के कृष्ण पक्ष दूज मेला भरा जाता है | एव मेले दर्शनार्थियों की भीड़ ज्यादा होती है |

महावीर मेला ( सवाई माधोपुर )
महावीर मेला ( सवाई माधोपुर )

और सवाई माधोपुर में चौबीसवे महावीर जैन महावीर स्वामी की लाल रंग की विशाल प्रतिमा है | राजस्थान के प्रमुख मेले में ये मेला जैन मेला एक विशाल मेला भरा जाता है | 

दशहरा मेला ( कोटा )

राजस्थान के प्रमुख मेले में दशहरा मेला कोटा में भरा जाता है | एवं यह मेला दशहरे के दिन कोटा में भरा जाता है | कहा जाता है कि कोटा में महाराव दुर्जनसाल सिंह के शासन के समय से मनाया जाता है | सन्न 1929 से 1956 में महाराव दुर्जनसाल सिंह के समय राजसी सवारियों एवं दरीखाना और  पूजा अर्चना के प्रमाण भी मेले है |

दशहरा मेला ( कोटा )
दशहरा मेला ( कोटा )

राजस्थान के प्रमुख मेले महाराजा उम्मेद सिंह द्वितीय  के शासन काल समय सन् 1889 से 1940 में दशहरा मेले को अधिक आकर्षक बनाने का सिलसिला शुरू हुआ था | राजस्थान के प्रमुख मेले में कोटा का दशहरा मेला एक विशाल रूप में भरा जाता है | 

हरियाली अमावस्या मेला ( उदयपुर )

राजस्थान के प्रमुख मेले में हरियाली अमावस्या के मेले का भी महत्व है की यह हरियाली का मेला उदयपुर में भरा जाता है | कहा जाता है की हरियाली के मेले की शुरुआत उदयपुर के महाराजा फ़तेह सिंह जी ने सन 1899 में की थी | 

हरियाली अमावस्या मेला ( उदयपुर )
हरियाली अमावस्या मेला ( उदयपुर )

उस दिन से आज तक प्रति वर्ष हरियाली अमावस्या को उदयपुर में मेला भरा जाता है | एक मेले को हिन्दू धर्म के लोग इस मेले को सावन महीने की शुरुआत के दौर के रूप में मनाते है | राजस्थान के प्रमुख मेले में यह मेला  श्रावण महीने के कृष्ण पक्ष में ये मेला भरा जाता है | 

बेणेश्वर मेला ( डूंगरपुर )

राजस्थान के प्रमुख मेले में  बेणेश्वर मेला राजस्थान में रहने वाले आदिवासी लोगों का राजस्थान में सबसे बड़ा मेला है |  राजस्थान के प्रमुख मेले  मेसे ये मेला राजस्थान के डूंगरपुर जिले भरा जाता है | बेणेश्वर मेला माहि नदी एवं जाखम नदी और सोम नदी तीनो नदियों के संगम स्थान बेणेश्वर मेला भरा जाता है |

बेणेश्वर मेला ( डूंगरपुर )
बेणेश्वर मेला ( डूंगरपुर )

बेणेश्वर का मेला माघ महीने की पूर्णिमा के दिन भरा जाता है राजस्थान के प्रमुख मेले बेणेश्वर मेले में सभी आदिवासी लोग बड़े उत्साह से मेले में भाग लेते है | 

करणी माता का मेला ( बीकानेर ) 

राजस्थान के प्रमुख मेले में करणी माता का मेला बीकानेर जिले में एक विशाल मेला होता है | इस मेले में पूरे भारत देश से लोग करणी माता का मेला देखने के लिए आते है | राजस्थान के प्रमुख मेले  में करणी माता के मेले की एक विशेषता यह है | 

करणी माता का मेला ( बीकानेर )
करणी माता का मेला ( बीकानेर )

यहाँ करणी माता के मंदिर में काले एवं सफ़ेद रंग के चूहे अत्यधिक संख्या में विचरण करते है | करणी माता के मेले में आने वाले श्रदालुओ पर माँ करणी माता का आशर्वाद सदैव रहता है

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह ( अजमेर )  

राजस्थान के प्रमुख मेले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अजमेर में एक बड़ा विशाल मेला लगता है | इतिहास के अनुसार ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ईरान से अजमेर आये थे | ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को गरीब नवाज के नाम से जाना जाता है | अजमेर जिले में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है | 

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह ( अजमेर ) 
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह ( अजमेर ) 

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती पुरे भारत देश के लोगो के आस्था का केंद्र बना हुआ है | इस दरगाह पर सभी धर्मों के लोग आते है | इस्लाम कलेंडर के अनुसार रजब महीने पहले दिनांक से छठी दिनांक तक ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्स मनाया जाता है | ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के यह मेल सभी धर्मों का समभाव की एक अनूठी मिशाल है | यहाँ पर सभी धर्मों का आदर किया जाता है |

खाटू श्याम जी का मेला ( सीकर ) 

राजस्थान के प्रमुख मेले ,में खाटू श्याम जी का मेला सीकर जिले में भरा जाता है | यहाँ मेला हिन्दू परंपरा के अनुसार भरा जाता है | राजस्थान के प्रमुख मेले में खाटू श्याम जी का मेला फागुन महीने के शुक्ल पक्ष दशमी से द्वादशी तक खाटू श्याम जी का मेला भरा जाता है |

खाटू श्याम जी का मेला ( सीकर )
खाटू श्याम जी का मेला ( सीकर )

राजस्थान के प्रमुख मेले में खाटू श्याम जी का मेला सम्पूर्ण  विश्व में प्रसिद्ध मेला है | पौराणिक कथाओं के अनुसार खाटू श्याम जी का सम्बन्ध महाभारत के समय का बताया जाता है कि पांडु पुत्र भीम के पुत्र खाटू श्याम जी थे | राजस्थान के प्रमुख मेले यह मेला विशाल भरा जाता है

बाबा रामदेव जी का मेला ( जैसलमेर )

राजस्थान के प्रमुख मेले में से बाबा रामदेव जी का मेला विशेष तौर पर भरा जाता है | यह मेला राजस्थान का प्रमुख मेला है | इस मेले में सभी धर्म के मेले में श्रद्धालु आते है | यह जिला जैसलमेर के पोकरण  गांव के पास रुणिचा नामक स्थान पर बाबा रामदेव जी का मेला भरा जाता है |

बाबा रामदेव जी का मेला ( जैसलमेर )
बाबा रामदेव जी का मेला ( जैसलमेर )

बाबा रामदेव जी का मेला भाद्र महीने की  पक्ष शुक्ल द्वितीया से एकादशी तक भव्य मेला भरा जाता है | बाबा रामदेव जी राजस्थान के जाने माने प्रसिद्ध लोक देवता के रूप में माना जाता है | बाबा रामदेव जी सभी वर्गों एवं धर्मों के लोगों का आस्था का प्रतीक है |   

गलियाकोट का उर्स ( डूंगरपुर )

राजस्थान के प्रमुख मेले में से गलियाकोट का उर्स का मेला डूंगरपुर जिले के गलियाकोट नामक कस्बे भरा जाता है | इस कस्बे में फखरुद्दीन मौला की मजार है इसलिए यहाँ पर मेला भरा जाता है फखरुद्दीन  मौला की मजार  के मजार ए फखरी भी कहते है |

गलियाकोट का उर्स ( डूंगरपुर )
गलियाकोट का उर्स ( डूंगरपुर )

गलियाकोट में दाऊदी बोहरा समाज की आस्था का बड़ा केंद्र है | इस मेले में सभी धर्मो के लोग बड़ी उत्साह से मेले में भाग लेते है |  

जीण माता का मेला ( सीकर )

राजस्थान के प्रमुख मेले मे से जीण माता का मेला सीकर जिले के रेवासा गांव में भरा जाता है | जीण माता का मूल नाम जवंती बाई था | एवं जीण माता का प्राचीन मंदिर हर्ष की पहाड़ियों के बीच में स्थित है | जीण माता मीणा जाति की कुलदेवी है | शेखावाटी क्षेत्र की लोक देवी और मधुमक्खियों  की देवी के नाम से भी जाना जाता है | 

जीण माता का मेला ( सीकर )
जीण माता का मेला ( सीकर )

पौराणिक कथाओं के अनुसार  माता के मंदिर में बकरे के कान की बलि दी जाती है | एवं किसी विशेष दिन पर ढाई कप प्याला मदिरा भी जीण माता सेवन करती है | जीण माता का मेला नेत्र एवं आश्विन महीने के नवरात्र में मेला भरा जाता है | और हर्ष पर्वत पर हर्ष भेरू का मेला भी भरा जाता  है |

तेजाजी का मेला ( परबतसर )

राजस्थान के प्रमुख में से तेजाजी का मेला भी प्रमुख है | यह मेला विश्व विख्यात पशु मेला कहलाता है | परबतसर में यह पशु मेला हर वर्ष भरा जाता है | इस मेले में कई देशों के लोग मेले में उत्साह से भाग लेते है | तेजाजी के पशु मेले में देश विदेश से लोग मेला देखने आते है | राजस्थान में पशु के अपने घर के सदस्य के समान रखते है | तेजाजी के पशु मेले में राजस्थान की संस्कृति देखने को मिलती है | 

तेजाजी का मेला ( परबतसर )
तेजाजी का मेला ( परबतसर )

तेजाजी का मेला पशुपालन के लिए एक विशेष योगदान रखता है | इस मेले विभिन्न प्रकार के पशु एवं जानवरों को ख़रीदा एवं बेचा जाता है | इस मेले में  प्रतिवर्ष पशु मेले में राजस्थान के अलावा नजदीक  राज्यों विशेषरूप से उत्तर पश्चिमी राज्य, उतरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब से बहुतायात संख्या में पशुपालक व व्यापारी आते हैं।

गोगाजी का मेला ( बाड़मेर ) 

राजस्थान के प्रमुख मेले में से गोगाजी का मेला एक प्रमुख तौर पर भरा जाता है | यह मेला बाड़मेर जिले सिवाना तहशील के तेलवाडा गाव के अरावली प्रवातामाला की हरावली पहाडियों की गोद में स्थित गोगाजी का प्रसिद्ध पोरानिक मंदिर है | गोगाजी का मेला प्रतिवर्ष धर्मिक अनुष्ठानो के अनुसार भरा जाता है |

गोगाजी का मेला ( बाड़मेर ) 
गोगाजी का मेला ( बाड़मेर ) 

यह मेला गोगा नवमी के विशाल भव्य मेला भरा जाता है | इस मेले में बाड़मेर,जैसलमेर, सिरोही, गुजरात एवं अन्य पडौसी जिले एवं राज्य के लोग बड़े उत्साह एवं भाव से इस मेले में भाग लेते है | गोगाजी में मेले में श्रदालु गोगाजी के दर्शन करके एवं पूजा एवं प्रसाद गोगाजी को चढ़ाकर सुख एवं समर्धि की कमाना करते है | 

निष्कर्ष :- 

राजस्थान के प्रमुख मेले में हमारी टीम ने राजस्थान के सम्पूर्ण मेले का विवरण इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचने की कोशिश की है | इस लेख में राजस्थान के लगभग सभी मेलो का वर्णन किया गया है  |

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राजस्थान के प्रमुख मेले के FAQ –

पुष्कर का मेला किस जिले में भरा जाता है ?

पुष्कर का मेला अजमेर जिला में भरा जाता है

पुष्कर का मेला कब भरा जाता है ? 

पुष्कर का मेला कार्तिक माह की पूर्णिमा को भरा जाता है |

कैला देवी का मेला किस जिले में भरा जाता है ? 

कैला देवी का मेला सवाई माधोपुर जिला में भरा जाता है |

कैला देवी का मेला कब भरा जाता है ? 

चैत्र शुक्ल अष्टमी को भरा जाता है |

महावीर जी का मेला किस जिले में भरा जाता है ? 

महावीर जी का मेला सवाई माधोपुर जिला में भरा जाता है | 

महावीर जी का मेला कब भरा जाता है ? 

महावीर जी का मेला चैत्र शुक्ल एकादशी से वैशाख कृष्ण पक्ष द्वितीया तक भरा जाता है | 

दशहरा का मेला किस जिले में भरा जाता है ?

दशहरा का मेला कोटा जिला में भरा जाता है | 

हरियाली अमावस्या का मेला किस जिला में भरा जाता है ? 

हरियाली अमावस्या का मेला उदयपुर जिला में भरा जाता है | 

बेणेश्वर का मेला किस जिला में भरा जाता है ? 

बेणेश्वर का मेला डूंगरपुर जिला में भरा जाता है | 

करणी माता का मेला किस जिला में भरा जाता है ? 

करणी माता का मेला बीकानेर जिला में भरा जाता है |