राजस्थान के प्रतीक चिन्ह | Rajasthan ke Pratik chinh

राजस्थान के प्रतीक चिन्ह | Symbols of Rajasthan

प्रिय पाठकों आज हम जानेंगे राजस्थान के प्रतीक चिन्ह के बारे में की जिस प्रकार स्वतंत्रता के पश्चात भारत सरकार ने प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए चिन्ह घोषित किये थे उसी प्रकार राजस्थान ने भी प्राकृतिक धरोहर के लिए राजस्थान के प्रतीक चिन्ह घोषित किये है | ये भी पढ़े :-राजस्थान के प्रमुख मेले

राजस्थान के प्रतीक चिन्ह
राजस्थान के प्रतीक चिन्ह

राजकीय वृक्ष – खेजड़ी |State Tree-Khejdi

राजस्थान राज्य में सबसे अधिक उगने वाले वृक्ष को राजस्थान के प्रतीक चिन्ह घोषित किया गया है | राजस्थान में सर्वाधिक खेजड़ी वृक्ष उगते है | खेजड़ी वृक्ष के मरुस्थल का कल्पवृक्ष का पेड़ भी राजस्थान में कहा जाता है |खेजड़ी का वृक्ष राजस्थान के मरुस्थल में आसानी से उग जाता है | खेजड़ी का पेड़ पशुओ एवं लोगो को आहार भी प्रदान करता है | वनस्पति शास्त्र में खेजड़ी को प्रोसोपिस सिनेरेरिया कहा जाता है |

राजकीय वृक्ष - खेजड़ी
राजकीय वृक्ष – खेजड़ी

खेजड़ी का मेला जोधपुर से 24 किलोमीटर दूर खेजडली का छोटा गाव है वहा पर विश्व का मात्र एक मेला भरा जाता है | खेजडली गाव में सबसे अत्यधिक संख्या में खेजड़ी के वृक्ष पाए जाते है | खेजडली गाव में सबसे अत्यधिक संख्या में विश्नोई समाज के लोग रहते है राजस्थान के प्रतीक चिन्ह में घटना के अनुसार जोधपुर रियासत के राजा को किले का निर्माण करने के लिए चुना पकाने के लिए लकडियो की आवश्यकता हुई थी | राजा ने सैनिको को खेजड़ी गाव में पेड़ कटाने के लिए सैनिको को भेजा था | 

खेजड़ली गाँव की साहसी महिला अमृता देवी ( इमरती देवी ) ने खेजड़ी के पेड़ को कटाने का विरोध किया और खेजड़ी के पेड़ पर लिपट गई | राजा के सैनिको ने खेजड़ी के पेड़ पर लिपटी वीरांगना का सर काट दिया | उसी क्षण अमृता देवी की पुत्रियों ने माँ का अनुसरण करते हुए अमृता देवी की तीनो पुत्रियों ने खेजड़ी के वृक्ष रक्षा के लिए तीनो पुत्रिया शहीद हो गई | उसी समय खेजडली गाव में 363 लोग शहीद हुये थे | 

राजस्थान के प्रतीक चिन्ह में विश्व इतिहास की ये घटना सन 1730 ईस्वी भाद्रपद शुक्ल दशमी की है | उस घटना को याद रखने के लिए विश्नोई समाज के बलिदान का स्मारक बना हुआ है | और प्रतिवर्ष शहीद दिवस मनाया जाता है | एवं प्रतिवर्ष उस दिन विशाल मेले का आयोजन होता है | खेजड़ी के मेले में पश्चिमी राजस्थान की लोक संस्कृती देखने को मिलती है | 

राजकीय पुष्प – रोहिडा | State Flower-Rohida

राजस्थान के प्रतीक चिन्ह मरू शोभा के नाम से लोकप्रिय रोहिड़ा पुष्प है | रोहिडा का पेड़ ग्रीष्मकाल के समय में खेतो एवं मरुस्थलीय जंगलो में रोहिडा के पेड़ पर रोहिडा पुष्प खिलते है | रोहिडा पुष्प का चटक कारिया-पिला रंग चारो और छटा बिखेर देता है | रोहिडा के पेड़ को रेगिस्थान का सागवान कहते है | रोहिडा के पेड़ पर मार्च एवं अप्रेल केसरिया एवं हिरमिची-पीले रंग के पुष्प आते है | जिससे मरुस्थल एक बार रंगों से भर जाता है |

राजकीय पुष्प - रोहिडा
राजकीय पुष्प – रोहिडा

राजकीय पक्षी – गोडावण | State Bird-Godavan

राजस्थान के प्रतीक चिन्ह में गोडावण पक्षी भी है | जो सम्पूर्ण भारत के उपमहाद्वीप एवं पश्चिम एशिया में विचरण करने वाले पक्षी गोडावण का राजस्थान एक घर है | शिकार के कारण एवं अपने घरे के उजड़ जाने के कारण से यह प्रजाति लगभग समाप्त होने लगी थी | बल्कि राजस्थान में पक्षी प्रेम एवं सुरक्षा प्रदान करने के बाद गोडावण पक्षियों की संख्या बढ़ने लगी है | जल्द ही राजस्थान में गोडावण पक्षियों के लिए अभ्यारण बनाया जा रहा है | 

राजकीय पक्षी – गोडावण
राजकीय पक्षी – गोडावण

राजकीय पशु -चिंकारा | State Animal-Chinkara

राजस्थान के प्रतीक चिन्ह में चिंकारा पशु भी प्रतीक चिन्ह है | मैदानों एवं पर्वतीय प्रदेशों में कुलांचे भरता-भागता छोटा हिरण चिंकारा है | उस एंटीलोप भी कहा जाता है | चिंकारा राजस्थान का राजकीय पशु है | चिंकारा काले हिरणों के सम्पूर्ण राजस्थान में पाया जाता है | चिंकारा को मरुस्थलीय भाग में खुले स्थानों में अधिक संख्या में खुले स्थानों पर विचरण करते देखा जा सकता है | सामाजिक संरक्षण एवं सुरक्षित प्राकृतिक आवास स्थलों एवं जलाशयों और विशाल मैदानों तथा राजस्थान की वनस्पति की विविधता के कारण भारत भर में वन्य वन्य प्राणी संरक्षण की दृष्टि राजस्थान विशिष्ट स्थान रखता है | 

राजकीय पशु -चिंकारा
राजकीय पशु -चिंकारा

राजकीय पशु-ऊँट | State Animal-Camel

राजस्थान के प्रतीक चिन्ह ऊँट भी राजकीय पशु है | ऊँट को राजस्थान के रेगिस्तान का जहाज भी कहते है | ऊँट राजस्थान के रेतीले गर्मी के समय में तपते मैदानों में इक्कीस दिनों तक बिना पानी पिए रह सकता है | ऊंट का उपयोग समान एवं सवारी को एक जगह से दूसरे जगह लेन एवं लेजाने के कम आता है | ऊँट एक कैमुलस जिनर्स के अन्दर आने वाला एक खुरधारी प्राणी है | राजस्थान सरकार ने 30 जून 2014 को ऊँट को राज्य पशु का दर्जा दिया है |              

राजकीय पशु-ऊँट | State Animal-Camel
राजकीय पशु-ऊँट | State Animal-Camel

निष्कर्ष :- 

राजस्थान के प्रतीक चिन्ह में हमारी टीम ने प्रतीक चिन्ह के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हासिल कर आपके सामने लाने की कोशिश की गई है | जो इस लेख के माध्यम से सम्पूर्ण जानकारी विद्यार्थियों को परीक्षा में काफी सहायता मिलेगी |

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राजस्थान के प्रतीक चिन्ह के FAQ

राजस्थान का राजकीय वृक्ष कोनसा है ?

राजस्थान का राजकीय वृक्ष खेजड़ी है |

राजस्थान का राजकीय पुष्प कोनसा है ?

राजस्थान का राजकीय पुष्प रोहिडा है |

राजस्थान का राजकीय पक्षी कोनसा है ?

राजस्थान का राजकीय पक्षी गोडावण है |

राजस्थान के राजकीय पशु कोन-कोन है ?

राजस्थान के राजकीय पशु चिंकारा एवं ऊट है |

राजस्थान का जहाज किसे कहते है ?

राजस्थान का जहाज ऊट को कहते है |